Wednesday, August 29, 2018

五件事让你了解化石燃料撤资

格拉斯哥大学成为欧洲首个从化石燃料领域撤资的大学。经过长达一年的运动,格拉斯哥大学行政评议会投票决定收回1800万英镑的化石燃料领域投资,同时将不再动用本校1.28亿英镑捐赠基金进行新的投资。此举登上各大新闻头条,令世界各地的化石燃料撤资运动倍受鼓舞。而以下五点信息将帮助我们更好地了解以“零化石燃料”为目标的化石燃料撤资运动。
风头正劲,速度惊人
在格拉斯哥大学做出撤资决定前,澳大利亚国立大学(位于首都堪培拉)已于上周做出类似举动。上个月,(靠石油起家的)洛克菲勒家族的继承人宣布要将自己的慈善基金撤出化石燃料领域投资,这一纯象征性的举动让世界哗然。5月,斯坦福大学宣布将从煤炭业撤资。7月,英国医学会( )投票决定从化石燃料领域撤资。同月,世界基督教协进会也做出类似举动。世界各地的大学、当地城镇、宗教中心、银行、养老基金会等机构均积极开展主题为“走向零化石燃料”的撤资运动。这项几年前刚刚在美国大学兴起的化石燃料撤资运动,如今已经发展成为一场声势浩大的全球运动。

能否得到长足发展还未可知
8月,碳简报(Carbon Brief)的西蒙·埃文斯曾强调,目前化石燃料领域的投资规模依然十分庞大,这给持续发酵的“走向零化石燃料”运动泼了一些冷水。在彭博新能源财经的一篇报告中,埃文斯指出,在世界各地证券交易所上市的近1500家石油和天然气公司市值总计为4.65万亿美元。而相比之下,上百家清洁能源公司市值仅占石油和天然气公司总市值的1/20。目前,清洁能源领域的股市价值总计为2200亿美元,世界四大石油和天然气公司中的任意一家公司与之相比都有过之而无不及。然而,值得希冀的是,虽然目前石油和天然气企业极具价值,但强有力的气候变化行动也许能够改变它们未来的价值。但是,埃文斯在彭博新能源财经(BNEF)报告中辩称,石油和天然气公司规模巨大,想要撤资并非易事,更不能操之过急。他建议首先从煤炭领域撤资,但这仅仅是第一步而已。
并不只是钱的问题
“走向零化石燃料”运动的最终目的并非只是把钱放在化石燃料公司够不着的地方(他们明白自己无法与市值4.65万亿美元的石油和天然气公司相抗衡),而是要向大众公开表达他们不愿再与这类行业有任何牵连。这是一项向化石燃料行业发起责难的文化工程。 这也是为什么相关运动人士极力说服各大教堂和大学,各路活动人士在牛津、哈佛等诸多高端机构并未真正开始撤资之前,就极力为他们的撤资决定造势的原因之一。而英国医学会(BMA)的决定之所以至关重要,是因为在医疗领域他们具有特殊的影响力,可以将健康问题的矛头指向化石燃料。这场运动也是一次“社会资本”运动,将人们组织并联系在一起。“零化石燃料”团体创立了自己的社团。相关运动人士聚合在一起,共同说服董事会通过这样或那样的行动。同时,在此过程中,他们也可以更加深刻地了解气候变化,从而全身心地投入这项运动之中,之后继续推动其他相关行动。毫无疑问,上个月世界范围内掀起的气候运动有一部分要归功于无化石燃料运动所做的基础工作。
还是钱的问题
由于此次运动的导火索是金钱问题,所以在争论的过程中财政问题依然值得我们关注,这一点不容忽视。实际上, 有人可能认为撤资活动的一个主要成就是推广了碳泡沫的思想——目前股市高估了化石燃料的价值,未来这一点可能会发生改变。引人注目的是,撤资运动与提倡对经济学教学进行反思的学生团体(例如“重新思考经济学”联盟)存在共同点。金钱的流向或许并非是撤资运动最初力求改变的东西,但却仍是整个运动的核心。运动人士所做的一切社会和文化工作最终都有可能带来一定的经济影响;他们正在通过社会和文化领域的活动来推动诸如碳泡沫这样的经济领域的变革。牛津大学去年发表的一项研究表明,撤资运动可能为化石燃料公司带来相当大的名誉风险,尽管其直接影响并不会立刻显现。
若要真正实现零化石燃料,还需关注金钱之外的其他方面
如果认为光是从化石燃料领域撤资,公司就可以自诩做到了零化石燃料的话,那是非常危险的。我们每个人还在用着化石燃料,而化石燃料行业也在不遗余力地让我们离不开化石燃料。参加撤资运动相关人士必须意识到这一点。然而,特别具有讽刺意味的是,那些号称“零化石燃料”的群体所在的大学通过研究新技术、收集各项数据来帮助化石燃料行业扩大经营,甚至还为他们提供员工培训。“走向零化石燃料”运动可以切断的并非只是金钱。总部位于伦敦的非政府组织平台( )多年来一直认为,人们可以通过多种方式停止对化石燃料的支持,财政只是其中一个方面。

Wednesday, August 15, 2018

फीफा वर्ल्ड कप 2018: स्विटजरलैंड को हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचा स्वीडन

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान एबी डिविलियर्स ने माना है कि इंटरनेशनल क्रिकेट का दबाव कभी-कभी असहनीय हो जाता था और वे क्रिकेट से संन्यास लेकर राहत महसूस कर रहे हैं. मई में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्‍यास की घोषणा करके सभी को हैरान करने वाले इस बेजोड़ बल्‍लेबाज ने कहा कि उन्हें खेल की कमी नहीं खल रही और वह संन्यास के बाद के जीवन का लुत्फ उठा रहे हैं. ‘इंडिपेंडेंट’ समाचार पत्र से बातचीत करते हुए डिविलियर्स ने कहा, ‘कभी-कभी यह (दबाव) असहनीय हो जाता था- आपको जिस तरह के दबाव का सामना करना पड़ता था, लगातार प्रदर्शन करना होता था. आप स्वयं, प्रशंसक, देश और कोच आपके ऊपर दबाव बनाते हैं. यह काफी अधिक होता है और एक क्रिकेटर के रूप में यह हमेशा आपके दिमाग में होता है.’
एबी डिविलियर्स ने लिया ऐसा खतरनाक कैच, विराट ने कहा- स्पाइडर मैन

इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने के बावजूद डिविलियर्स अपनी आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (आरसीबी) की ओर से खेलना जारी रखेंगे. उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि बड़े मैच में शतक जड़ने के अहसास की तुलना किसी चीज से नहीं जी जा सकती. हजारों लोग आपके नाम के नारे लगा रहे होते हैं. लेकिन ईमानदारी से कहूं तो निश्चित तौर पर मुझे इसकी कमी नहीं खलेगी. अब तक तो नहीं. खेल से हटकर मैं काफी खुश हूं. कोई मलाल नहीं.’
यह पूछने पर कि क्या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के बाद वह कुछ राहत महसूस कर रहे हैं तो डिविलियर्स ने कहा, ‘बेहद. हां... मुझे पता है कि सही जवाब संभवत: यह होता कि मुझे हमेशा खेल की कमी महसूस होगी.’अपने इंटरनेशनल करियर के दौरान 114 टेस्ट में 22 शतक की मदद से 50 .66 की औसत से 8765 रन बनाने वाले डिविलियर्स ने कहा, ‘मेरा मानना है कि खिलाड़ी जो यह कहते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का दबाव महसूस नहीं करते, वे सभी से और खुद से झूठ बोल रहे हैं.’डिविलियर्स ने 228 वनडे इंटरनेशनल मैचों में भी 25 शतक की मदद से 53 .50 की औसत के साथ 9577 रन बनाए.

वर्ल्‍डकप 2018 में कोस्टारिका के खिलाफ पेनल्टी लेने के लिए किए गए नेमार के 'नाटक' के बाद उनका वीडियो काफी वायरल हो गया था जिसके बाद नेमार को खेल भावना को लेकर काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ी थीं. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को अपने एक प्रायोजक द्वारा जारी एक वीडियो में नेमार ने एक हद तक माना कि विपक्ष से फाउल लेने के लिए उन्होंने अपनी प्रतिक्रियाओं को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया

उन्होंने कहा, "आपको लगता है कि मैंने बढ़ा-चढ़ा कर चीजें बताईं. कई बार मैं ऐसा करता हूं लेकिन सच्चाई यह है कि मैं मैदान पर बहुत सहन करता हूं." नेमार ने कहा, "आपको लगता है कि मैं मैदान पर जरूरत से ज्यादा गिर रहा हूं. लेकिन सच्चाई यह है कि मैं गिरा नहीं था, मैं तो बिखर गया था. मुझे आपकी आलोचना को मानने में काफी समय लगा. मुझे अपने आप को शीशे में देखने में काफी समय लगा और, अब मैं एक नया इंसान बना गया हूं." ब्राजील की टीम फीफा वर्ल्‍डकप के क्वार्टर फाइनल में बेल्जियम से 1-2 से हार कर बाहर हो गई थी.

ब्राजील के स्टार फुटबॉलर नेमार को वर्ल्‍डकप 2018 के दौरान विपक्षी टीम के खिलाफ फाउल हासिल करने के लिए कथित तौर पर जबरन गिरने को लेकर काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्राजील के इस फुटबॉल खिलाड़ी ने उन्होंने कहा है कि रूस में हुए वर्ल्‍डकप में किए गए अपने व्यवहार की आलोचनाओं को वह स्वीकार करते हैं. गौरतलब है कि वर्ल्‍डकप 2018 में कोस्टारिका के खिलाफ पेनल्टी लेने के लिए किए गए नेमार के 'नाटक' के बाद उनका वीडियो काफी वायरल हो गया था जिसके बाद नेमार को खेल भावना को लेकर काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ी थीं. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को अपने एक प्रायोजक द्वारा जारी एक वीडियो में नेमार ने एक हद तक माना कि विपक्ष से फाउल लेने के लिए उन्होंने अपनी प्रतिक्रियाओं को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया.